LITTLE KNOWN FACTS ABOUT BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA.

Little Known Facts About baglamukhi shabar mantra.

Little Known Facts About baglamukhi shabar mantra.

Blog Article



अथर्वा प्राण सूत्र् टेलीपैथी व ब्रह्मास्त्र प्रयोग्

तत्रं साधना गुरू मार्ग दर्शन में ही करें स्वतः गुरू ना बनें अन्यथा भयानक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता ही है।

 इस मंत्र का प्रयोग आजमाने हेतु या निरपराधी व्यक्ति पर भूल कर न करें नहीं तो दुष्परिणाम भोगने ही पड़ जाता है।

ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥

शक्ति में वृद्धि: आंतरिक शक्ति और सामर्थ्य में वृद्धि होती है।

संतुलित जीवन: जीवन में संतुलन और शांति बनी रहती है।

स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। बगलामुखी तत्रं साधना के लिए विशेष कौलाचार्य क्रम दीक्षा का विधान है। परन्तु यहा शाक्त, शैवों, नाथों द्वारा शक्ति उपासना अत्यधिक सहज तो है परन्तु शमशान आदि में साधना विशेष प्रभाव शाली है जो गुरू द्वारा बताएं मार्ग से ही प्राप्त है।

रोगों का नाश: विभिन्न रोगों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

साधना अष्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल या मीठे तेल के साथ श्मशान में छोड़े हुए वस्त्र की बत्ती बनाकर जलाएं। विशेष दीपक को उड़द की दाल के ऊपर रखें। फिर पीला वस्त्र पहनकर और पीला तिलक लगा कर हल्दी से उसकी पूजा करें। पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से किसी भी एक का जप करें।तथा मद्य और मांस का भोग लगाएं।

संकटों का निवारण: जीवन की समस्याओं और संकटों का समाधान होता है।

ॐ ह्ल्रीं भयनाशिनी बगलामुखी मम सदा कृपा करहि, सकल कार्य सफल होइ, ना करे तो मृत्युंजय भैरव की आन॥

फिर कन्या के हाथ में यथा शक्ति दक्षिणा रख कर उससे आशीर्वाद लेकर more info रात्रि में इस मंत्र का एक सौ आठ बार जप कर पुनः शत्रु को दंड देने हेतु प्रार्थना कर दे। सात दिन लगातार इस प्रयोग से माँ पीताम्बरा शत्रु को मृत्यु तुल्य दंड देती है, जैसा मैंने देखा है। प्राण प्रतिष्ठित बगलामुखी यन्त्र को सामने रखें और हल्दी माला से इस बगलामुखी का जप करें

Then, by holding ‘Dakshina’ or some presents while in the hand on the Woman, find her blessings and chant this mantra a person hundred and 8 periods while in the evening and pray once again to punish the enemy.

Report this page